बिना बायोप्सी पता चलेगा मुंह के कैंसर का
सेहतराग टीम
देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र से कैंसर को लेकर एक चौंकाने वाली खबर आ रही है। महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी है कि राज्य में जांच के दौरान 2.6 लाख से अधिक लोगों में मुंह के कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दिसंबर, 2017 में राज्य में कुल 2.14 करोड़ लोगों में मुख के कैंसर की जांच की गई थी और इसमें से 2 लाख 62 हजार 431 लोगों में मुख के कैंसर के लक्षण पाए गए। सरकार ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर इन सभी को सरकारी अस्पतालों या सरकारी योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाक की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
गौरतलब है कि देश में मुंह का कैंसर सबसे आम कैंसर माना जाता है और तंबाकू और तंबाकू मिश्रित मसाला चबाना इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। दरअसल देश में कैंसर के सभी मामलों में 90 फीसदी मामले मुंह से ही संबंधित होते हैं। अभी इस कैंसर का पक्का पता लगाने के लिए मुंह के घाव की बायोप्सी की जाती है यानी प्रभावित हिस्से का छोटा सा हिस्सा निकाल कर उसकी लैब में जांच की जाती है। इसके कारण होता ये है कि कई बार बीमारी बहुत बढ़ जाने पर इसका पता लग पाता है और तब इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।
अब हिमाचल प्रदेश में आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा स्कैनर बनाने का दावा किया है जिससे बिना बायोप्सी के ही मुंह के कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। इस स्कैनर को माइक्रो आरएनए स्कैनर नाम दिया गया है। इन शोधकर्ताओं का दावा है कि इस स्कैनर के जरिये बीमारी की शुरुआती अवस्था में ही कैंसर का पता चल जाएगा और तब समय पर इलाज होने से लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकेगी।
ये स्कैनर अल्ट्रा साउंड मशीन की तर्ज पर काम करेगा। इससे पूरे मुंह की स्कैनिंग की जा सकेगी। दरअसल इस स्कैनर से कोशिका में मौजूद माइक्रो आरएनए को स्कैन किया जा सकेगा। माइक्रो आरएनए में आए बदलाव के आधार पर कैंसर की पुष्टि की जा सकेगी। हालांकि अभी ये स्कैनर विकास के अंतिम चरण में है और मरीजों के लिए ये कितना लाभकारी हो पाएगा ये आने वाले कुछ समय में पता चल पाएगा।
(दैनिक जागरण से इनपुट सहित)
Comments (0)
Facebook Comments (0)